प्राचार्य
संदेश
अब शिक्षा को केवल विशेषाधिकार मानना सही नहीं है। आज की दुनिया में यह एक बुनियादी अधिकार है। शिक्षा का अधिकार अधिनियम के कार्यान्वयन से केन्द्रीय विद्यालयों में एक बड़ा बदलाव आया है, जिसमें कक्षा I में पच्चीस प्रतिशत सीटें उन छात्रों को आवंटित की गई हैं, जिन्हें अन्य के.वि. में शामिल होने का मौका नहीं मिलता । ऐसे बच्चों के माता-पिता, जिन्होंने प्रवेश प्राप्त कर लिया है, पहले से ही उपलब्धि की भावना महसूस करते हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि के.वि. विभिन्न क्षेत्रों में बच्चे के विकास के लिए कई रास्ते प्रदान करते हैं और यह आज की प्रतिस्पर्धी दुनिया में बिल्कुल आवश्यक है। कल के निर्णय निर्माता हमारे शैक्षणिक संस्थानों में तय होते हैं। इसलिए उन्हें अन्वेषण, सीखने और उपलब्धि हासिल करने के अवसर प्रदान किए जाने चाहिए। विद्यालय की वेबसाइट के लिए लेखन के माध्यम से अपने विचार व्यक्त करना एक ऐसा तरीका है।
श्री सुएब आलम
प्राचार्य, पीएम श्री केन्द्रीय विद्यालय श्रीकाकुलम